Property Rights of Women: भारतीय महिला (indian women) अब पहले से काफी जागरुक हो रही है। सरकार (goverment) की तरफ से भी महिलाओं के लिए कई नए कानून (new laws) बनाए जा चुके हैं। महिला अब पहले से कई अधिक शक्तिशाली हो गई है। इसके बावजूद कुछ महिलाओं को अपने अधिकारों की जानकारी सही-सही नहीं हो पाती है। ऐसे में आज हम आपको एक बेहद काम की चीज बताने जा रहे हैं।
शादी के बाद ससुराल ही लड़की का असली घर
एक लड़की का असली घर उसका ससुराल ही माना जाता है। एक बार शादी हो जाने के बाद लड़कियों को अपने ससुराल में ही पूरी जिंदगी बितानी पड़ती है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि शादी के बाद एक लड़की का अपने पति या ससुर के घर पर कितना हक होता है? भारतीय संविधान ने महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कुछ अधिकार दिए हैं।
पति या ससुराल की संपत्ति पर कितना अधिकार
आखिर पति या ससुराल की संपत्ति पर पत्नी का कितना अधिकार होता है? तो चलिए आज हम आपको इसकी जानकारी देते हैं। लोग यही मानते हैं कि पति की संपत्ति पर पत्नी का पूरा हक होता है लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। इस संपत्ति पर पत्नी के अलावा परिवार के बाकी लोगों का भी अधिकार होता है। अगर किसी ने अपने दम पर प्रोपर्टी बनाई है और उसने नॉमिनी के रूप में पत्नी का नाम नहीं दिया है तो पत्नी का उस पर कोई हक नहीं होता है।
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पति की मौत के बाद क्या
अगर कोई पति अपनी पत्नी को प्रोपर्टी का अधिकार दिए बिना ही इस दुनिया को अलविदा कह जाता है तो प्रोपर्टी पर उसकी पत्नी का हक नहीं माना जाएगा। हालांकि, पति की मौत के बाद महिला को ससुराल के घर से निकाला नहीं जा सकता। ससुराल वालों को महिला को मेंटेनेंस देना होता है। मेंटेनेंस की राशि ससुराल वालों की आर्थिक स्थिति के आधार पर कोर्ट तय करती है।