Tenaliram Ki Kahaniyan
तेनालीराम और ‘एक कुत्ते की कहानी’

Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनालीराम और ‘एक कुत्ते की कहानी’

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Tenaliram Ki Kahaniyan: एक मिठाइयों की दुकान के बाहर बहुत से आवारा कुत्ते रहते थे। उन्हें हमेशा यही आस रहती कि कोई दयालु आदमी मिठाई ले कर आएगा तो शायद उन्हें भी खाने के लिए कुछ दे दे। वे हर आते-जाते व्यक्ति को देख कर अपनी पूंछ हिलाते। एक दिन, तेनाली रमन (Tenaliram ) उस दुकान से मिठाई खरीदने आए उन्होंने दुकान के बाहर कुत्तों को देखा तो प्यार से एक कुत्ते का सिर सह दिया।

कुत्ते ने झट से तेनाली रमन को देख पूंछ हिलाई और उनके पीछे-पीछे आने लगा। जब रमन दुकान में गए तो कुत्ता भी उनके पीछे-पीछे अंदर चला गया। तब दुकान का मालिक वहां नहीं था। वह उन दोनों के भीतर जाने के बाद, ताजी मिठाइयों का बड़ा-सा लिफाफा ले कर भीतर आया। “मैं आपको जानता हूं। मैंने आपको दूर ही आता देख लिया था। तभी तो मैं भागता हुआ आया हूं। आप दरबार में बड़े आदमी हैं। मैंने आपकी हाजिरजवाबी के भी बहुत से किस्से सुन रखे हैं। श्रीमान! आज मेरी दुकान में कैसे आना हुआ?” दुकानदार ने पूछा।

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तेनालीराम और ‘एक कुत्ते की कहानी’

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“मैं तो यहां मिठाई खरीदने आया हूं। आपकी दुकान में और किस काम के लिए आया जा सकता है?” तेनाली रमन ने मुस्कुरा कर कहा, दुकानदार को लगा कि तेनाली रमन उसकी दुकान में भी कोई शरारत करेंगे और उसे सबके बीच हंसी का पात्र बनना पड़ेगा इसलिए वह थोड़ा चौकन्ना हो कर बोला। “मुझे पता है कि आप कोई न कोई शरारत करने आ आपके ऐसे किस्से तो बहुत मशहूर हैं। दूसरी बात, आप अपने में क्यों लाए हैं? आपने इस गंदे और कीड़ों से भरे कुत्ते को के अंतर लाने की हिम्मत कैसे की? आपको ऐसा करने की अनुमति किसने दी?” दुकानदार गुस्से से चिल्लाया।

“एक मिनट ठहरो। तुमसे किसने कहा कि यह मेरा कुत्ता है? यह तो रोज तुम्हारी दुकान के बाहर बैठता है। क्या तुम इसे नहीं पहचानते?” तेनाली रमन बोले। ‘आप झूठ न कहें। मैं दौड़ता हुआ आया क्योंकि मैंने इसे आपके पीछे 144 दुकान में आते देख लिया था। अगर यह आपके पीछे आया है तो इसका मतलब है कि आप इसके मालिक हैं। यह आपका कुत्ता है। वरना यह आपके पीछे दुकान में नहीं आता।” दुकानदार ने तर्क दिया।

Tenaliram Ki Kahaniyan
तेनालीराम और ‘एक कुत्ते की कहानी’

‘अच्छा तो तुम्हारा मानना है कि जो किसी का पीछा करता है, वह नौकर होता है और जो आगे चलता है, वह मालिक होता है? बड़े मूर्ख हो तुम।” तेनाली रमन बोले। “नहीं, यह सच्ची बात है।” दुकानदार ने कहा। “ऐसा है? तो मैं तुमसे कुछ पूछना चाहता हू? कुत्ता मेरे पीछे आया इसलिए मैं इसका मालिक हूं। ” “जी हां, बिल्कुल सच है। ”

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यह कह ‘और फिर तुम आए इस कुत्ते के पीछे ? क्या इसका मतलब होगा कि कुत्ता तुम्हारा मालिक है क्योंकि तुम उसके पीछे दुकान में आ कर तेनाली रमन खिलखिला कर हंस पडे। वहां खड़े कुछ और लोग भी हंसने लगे और दुकानदार बगलें झांकने लगा। “”ओह, मुझे माफ करें। मैं अभी आपकी मिठाईयां तोल कर देता हूं।” 44 उसने कहा। फिर वह उस कुत्ते को मिठाई के टुकड़े से बहला कर बाहर ले जाने लगा “चल, बाहर निकल, कुत्ते ! चल.. चल । उस दिन कुत्ते की बढ़िया दावत ” हो गई और दुकान में खड़े सभी लोगों का मनोरंजन भी हो गया।

क्या सीख मिली (Moral of The story)

लालच की वजह से व्यक्ति कभी भी संतुष्ट नहीं हो पाता है और धनवान होते हुए भी गरीब बना रहता है।

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