Tenaliram Ki Kahaniyan: “पांच सुर और छह घंटे ?” तिरूमल ने सोचा। ये तो कोई तुक नहीं बनी। हालांकि वह इस सलाह को समझ नहीं पा रहा था पर उसने तय किया कि वह तेनाली की सलाह का पालन अवश्य करेगा।
Tenaliram Ki Kahaniyan: एक सहायक एक घड़े को आराम से उठा कर, संभाल कर रखने के लिए ले जा रहा था। अचानक एक बिल्ली का बच्चा उसके पैरों से टकराया और वह उलझ कर वहीं गिर गया।
Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनाली रमन ने कुछ दे सोचा और फिर अंदर जा कर एक बर्तन में पानी लेकर आए। वे बोले, “ये लो। यह बहुत ही पवित्र जल है।
Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनाली रमन बाहर निकले और बच्चों से बोले, “नमस्कार, बच्चो! मैं एक कवि हूँ और मेरा नाम तेनाली रमन है। मैं जब भी तुम्हें यहां खेलते हुए देखता हूँ तो मुझे मेरा बचपन याद आ जाता है।
Tenaliram Ki Kahaniyan: एक मंत्री ने सलाह दी कि महाराज को सलाह देने के लिए चिकित्सकों और हकीमों को बुलवाया जाए।
Tenaliram Ki Kahaniyan: एक दिन चार तीर्थयात्री मंदिर में दर्शन करने के लिए आए। वे किसी सुरक्षित जगह की तलाश में थे। उन्होंने बूढी अम्मा को देखा तो उन्हें लगा कि उस पर भरोसा किया जा सकता है।
Tenaliram Ki Kahaniyan: एक दिन, जब बिल्ली कुछ चूहों का शिकार कर रही थी तो अचानक उसका पैर कपास की गांठ से फिसल गया और उसके एक पंजे में चोट आई।
Tenaliram Ki Kahaniyan: महाराज और दूसरे देश के राजाओं के बीच महंगे उपहारों का आदान-प्रदान होता रहता था।
Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनाली रमन भी खुश थे कि मार्ग में उन्हें एक नेक आदमी का साथ मिल गया।
Tenaliram Ki Kahaniyan: महल का एक-एक कोना भीनी सी खुशबू से महक रहा था। उसके भीतर जाते ही ऐसा लगता था मानो किसी अनोखी दुनिया में आ गए हों।