Tenaliram Ki Kahaniyan
तेनालीराम की कहानियां

Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनालीराम और ‘उबासी की सजा’

author
0 minutes, 12 seconds Read

Tenaliram Ki Kahaniyan: एक दिन तेनालीराम (TenaliRam) को अचानक ही रानी तिरुमाला (tirumala) ने अपने पास आने को कहा। रानी तिरुमाला (tirumala) ने सेवकों को बोलकर संदेश (Message) भिजवाया कि तेनालीराम (TenaliRam) को मेरे पास लेकर आओ। सेवकों के जरिए उन्होंने तेनालीराम से कहा कि वह बड़ी मुश्किल में है और तेनालीराम को कहना कि वह तुरंत मेरे पास आ जाये।

तेनालीराम की कहानियां (Tenaliram Ki Kahaniyan)

रानी तिरुमाला (tirumala) का संदेश (Message) मिलते ही तेनालीराम रानी से मिलने उनके कक्ष में आ गए। तेनालीराम (TenaliRam) ने कहा कि रानी जी! आपने मुझे अचानक ऐसे कैसे याद किया? इस पर रानी ने तेनालीराम को उदास पर लहजे में कहा कि तेनालीराम मैं बहुत परेशान हूं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मुझे अब क्या करना चाहिए। इस पर तेनालीराम ने रानी से परेशानी की वजह पूछने की कोशिश की।

उबासी की सजा (Tenaliram Ki Kahaniyan)

तेनालीराम को रानी तिरुमाला ने खुद के साथ घटी घटना के बारे में बताया। इस दौरान रानी के आंखों से आंसू भी टपक रहे थे। रानी ने बताया कि महराज मुझसे नाराज हैं और कई दिनों से मिलने नहीं आए। रानी ने बताया कि एक दिन महाराज हमें एक नाटक पढ़कर सुना रहे थे। तभी अचानक हमें उबासी आ गई, बस इसी बात से नाराज होकर महाराज चले गए। इसके बाद कई दिन बीत गए, लेकिन वह वापस मुझसे मिलने नहीं आए।

Tenaliram Ki Kahaniyan
तेनालीराम की कहानियां

रानी ने कहा कि उन्होंने महराज से माफी भी मांग ली। इसके बावजूद महराज उनसे मिलने के लिए दोबारा नहीं आए। रानी की बात सुनकर तेनालीराम ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह उनकी इस परेशानी को दूर कर देंगे। तेनालीराम ने कहा कि आप बिल्कुल भी चिंता न करें महारानी! आपकी समस्या दूर करने की जिम्मेदारी अब मेरी है और मैं पूरी कोशिश करुंगा कि आपकी यह समस्या खत्म हो जाये।

तेनालीराम रानी से बात करने के बाद दरबार जाते हैं और वहां देखते हैं कि राजा अपने मंत्रियों के साथ किसी विषय पर गंभीर चर्चा में बिजी हैं। महाराज कृष्णदेव राय राज्य में चावल की खेती को लेकर मंत्रियों के साथ चर्चा कर रहे थे। मंत्रियों से कृष्णदेव राय ने कहा कि हमारे लिए राज्य में चावल की उपज बढ़ाना आवश्यक है। हमने काफी कोशिश की, लेकिन इस समस्या का निदान हमें मिल नहीं पा रहा है।

Tenaliram Ki Kahaniyan
तेनालीराम की कहानियां

ऐसे में तेनालीराम ने अचानक भरी सभा में एक बीज उठाकर फसल को बढ़ाने का तरकीब बताया। तेनालीराम ने चावल के बीजों में से एक-एक बीज उठाकर कहा कि महराज अगर इस बीज को बोया जाये तो चावल की फसल कई गुणा बढ़ जाएगी। इस पर राजा ने कहा कि क्या ऐसा सच में हो सकता है, इस पर तेनालीराम ने कहा बिल्कुल हो सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तों को मानना जरूरी है।

तेनालीराम ने आगे कहा कि इस बीज को बोने के लिए शर्त यह है कि इस बीज को बोने, सींचने और काटने वाला व्यक्ति ऐसा होना चाहिए, जिसे जीवन में कभी उबासी न आई हो और न ही कभी उसे उबासी आए। यह बात सुनकर दरबार में मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। तेनालीराम की बात सुनकर महराज भी गुस्से से आग बबूले हो गए और उन्होंने कहा कि तुम्हारे जैसा मूर्ख व्यक्ति मैंने आज तक नहीं देखा।

Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनालीराम और ‘रिश्वत का खेल’

इस पर तेनालीराम ने महराजा से माफी मांगते हुए कहा कि महराज मुझे माफ कर दीजिए। मुझे लगता था कि उबासी आना एक बड़ा अपराध है। मैं ही नहीं, महारानी जी भी यही समझती हैं कि उबासी आना बहुत बड़ा अपराध है, मैं अभी जाकर महारानी जी को भी यह बात बताता हूं। तेनालीराम की बात को सुनकर अब राजा को सबकुछ समझ में आने लगता है और उन्हें समझ आ जाता है कि तेनालीराम ने उन्हें सही रास्ते पर लाने के लिए ऐसा किया।

Tenaliram Ki Kahaniyan
तेनालीराम की कहानियां

निष्कर्ष

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि किसी को बिना गलती के सजा नहीं देनी चाहिए। ऐसा करने पर उस इंसान की नजर मैं हम खुद को बुरा साबित कर देते हैं।

Similar Posts

रोज पीते हैं नारियल पानी, पहले जान लीजिए ये 9 नुकसान! जान लीजिए लहसुन के 7 फायदे, फिर रोज करेंगे सेवन विराट कोहली को मिलेगा डायमंड बैट, कीमत जानकर उड़ेंगे होश यू-ट्यूब से लाखों की कमाई, आलीशान जिंदगी के शौकीन एल्विश यादव 69 साल का WWE रेसलर, रचाएगा 25 साल छोटी लड़की से शादी