Tenaliram Ki Kahaniyan
तेनालीराम और ‘छिपा हुआ खजाना’

Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनालीराम और ‘छिपा हुआ खजाना’

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Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनाली रमन (Tenaliram) के बहुत से रिश्तेदार थे जो जमींदार (landlord) थे और तेनाली (Tenaliram) कभी-कभी उनसे मिलने जाया करते थे। जब वे हंपी की ओर आ रह तो उन्होंने उनसे एक हजार वराह (सिक्के) उधार लिए। रास्ते में एक ने उन्हें आते हुए देखा। उसने उनके सामान में एक लटकती हुई थैली (bag) देखी जिसे देखकर उसे यह विश्वास हो गया कि अवश्य ही इस व्यक्ति के पास धन है। वह उन्हें लूटना (rob) चाहता था।

रमन अतः उसने एक साधु का वेश बनाया और तेनाली रमन से जान पहचान कर ली। तेनाली रमन भी स्वभाव से मिलनसार थे। उन्होंने भी साधु से दोस्ताना व्यवहार किया। वे चलते-चलते आपसे में बातें करते जा रहे थे। साधु के वेश में ठग ने उन्हें बताया कि वह भी हंपी जा रहा है। तेनाली रमन भी खुश थे कि मार्ग में उन्हें एक नेक आदमी का साथ मिल गया।

Tenaliram Ki Kahaniyan
तेनालीराम की कहानियां

तेनालीराम की कहानियां (Tenaliram Ki Kahaniyan)

शाम होते ही उन्हें एक धर्मशाला दिखाई दी और उन्होंने रात वहीं गुजारने का निश्चय किया। कुछ देर तक तो दोनों आपस में बातें करते रहे और जब रात अधिक हो गई तो वे अपने-अपने बिस्तर पर जा कर सो गए। ठग तो तेनाली रमन के सोने का ही इंतजार कर रहा था। उसने जैसे हो देखा कि वे गहरी नींद में सो गए हैं, वह अपने बिस्तर से उठा और उनके सामान की तलाशी लेने लगा।

उसे वहां कुछ भी नहीं मिला। तब उसने आराम से उनके तकिए के नीचे टटोलना चाहा, लेकिन वह थैली वहां भी नहीं थी। हार कर जब उसे कहीं भी कुछ नहीं मिला तो वह वापिस अपने बिस्तर पर आ कर सो गया। अगले दिन उन्होंने अपनी यात्रा दोबारा आरंभ की। शाम होते-होते उन्होंने फिर से एक अन्य धर्मशाला में रात गुजारने की सोची। रात को जब तेनाली रमन सो गए तो ठग ने फिर से उनके सामान की तलाशी ली और बहुत देर तलाशी के बाद भी उसे कुछ नहीं मिला तो वह हताश हो कर सो गया।

Tenaliram Ki Kahaniyan
तेनालीराम की कहानियां

वह गुस्से में था और निराश भी हो रहा था कि उसके हाथ कुछ भी नहीं लगा। अगले दिन जब वे अपनी यात्रा पर थे तो वह अपने-आप को रोक नहीं सका। उसने उत्सुकता वश तेनाली रमन से पूछा, आप इतनी लंबी यात्रा कर रहे हो और मुझे पूरा विश्वास है कि आपके पास अवश्य ही धन भी होगा। लेकिन आप रात को उसे कहां रख कर सोते हो? बस यूं ही जानना चाहता था क्योंकि सराय व धर्मशालाओं में चोर व ठग भी होते हैं।

और इनसे अपने सामान की निगरानी करना आसान नहीं होता। अगर आप मुझे बता देंगे कि आप अपना धन कहां सुरक्षित रखते हैं तो मुझे तसल्ली हो जाएगी कि आपको कोई ठग नहीं सकता।” तेनाली रमन ने मुस्कुराते हुए उसे देखा और कहा, हू कि तुम रात को मेरे बिस्तर और सामान की तलाशी लेते हो। लेकिन तुम धन को गलत जगह खोज रहे थे। मैं उसे रात को तुम्हारे तकिए के नीच रख देता था। मैं जानता था कि तुम सब जगह उसे ढूंढोगे लेकिन कभी में अपने तकिए के नीचे नहीं देखोगे।” “मेरे मित्र। मैं जानता

बेचारे साधु को काटो तो खून नहीं। उसने तो सोचा था कि वह साध का भेष बना कर बड़ी आसानी से तेनाली रमन को मूर्ख बना देगा पर तेनाली की चतुराई के आगे उसकी एक न चली। उसने उसी दिन बहाना बनाकर तेनाली से विदा ली। वह जानता था कि वहां उसकी दाल नहीं। गलने वाली थी।

क्या सीख मिली (Moral of The story)

समस्या सभी के जीवन में आती और जाती है। कुछ लोग समस्या आने पर टूट जाते है तो कुछ लोग समस्या आने पर और मजबूत हो जाते हैं। जो अपने जीवन के समस्या को हल करके आगे बढ़ते है, वही चालाक इंसान माने जाते है।

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