Tenaliram Ki Kahaniyan
तेनालीराम और ‘धन की थैली’

Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनालीराम और ‘धन की थैली’

author
0 minutes, 12 seconds Read

Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनाली रमन (Tenaliram) पूरे विजयनगर साम्राज्य (Vijayanagara Empire) का दौरा किया करते थे। कई बार उन्हें महाराज (my lord) के काम से जाना पड़ता तो वे कई बार निजी काम से भी नगर से बाहर जाते थे। एक दिन, जब वे हंपी लौट रहे थे तो रात हो गई। सर्दियों का मौसम (winter season) था। देखते ही देखते वर्षा होने लगी और साथ ही ठंडी हवा चलने लगी। वे सिर छिपाने को कोई जगह तलाश (seek) करने लगे।

उन्हें एक जगह रोशनी दिखाई दी। उन्होंने अपने घोड़े का मुंह उस और कर दिया। कुछ ही देर में वे एक सराय के सामने जा पहुंचे। यह देख कर उन्हें तसल्ली मिली। वे घोड़े से उतरे और सराय के दरवाजे पर पहुंच गए। वहां कुछ लोगों ने आग जला रखी थी और उसके आसपास घेरा बना कर बैठे थे। आग के आसपास बहुत भीड़ थी। वहां बैठने के लिए स्थान न था।

Tenaliram Ki Kahaniyan
तेनालीराम की कहानियां

तेनालीराम की कहानियां (Tenaliram Ki Kahaniyan)

तेनाली रमन सिर से पांव तक भीग गए थे और मारे ठंड के कांप रहे थे। पर अंदर जाने से कोई लाभ नहीं था क्योंकि सबने आम को घेर रखा था। तभी सराय के मालिक ने उन्हें देखा। वह पास आ कर बोला, ‘आइए, श्रीमान आप ता पूरी तरह से भीग गए हैं। भीतर आएं और अपने शरीर को थोड़ी गरमाहट दें। मैं अपने लड़के को भेजता हूँ वह आपके घोड़े क देख-रेख कर लेगा। ”

तेनाली ने उसे धन्यवाद दिया पर भीतर जाने की बजाए वे वहीं द्वार प खड़े रहे। सराय के मालिक ने उनसे पूछा कि वे भीतर क्यों नहीं आ रहे। तेनाली ने थोड़ा सकुचाते हुए कहा, ” दरअसल मैं थोड़ा उलझन में मेरे पास थैली में बीस वराह (सिक्के) थे, जब मैं घोड़े से उतरा तो थै मेरे पास थी। अब नहीं मिल रही। हो सकता है यहीं-कहीं गिर गई हो। म उसे खोजने जाना है और यह बारिश तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही और वे चुप हो गए।

44 ‘ओह! तो आपकी सिक्कों से भरी थैली गुम हो गई। मुझे सुन कर व दुख हुआ। मुझे नहीं लगता कि इस बारिश और अंधेरे के बीच उसे ख जा सकता है।” सराय के मालिक ने कहा। आग के पास बैठे लोगों ने उनकी बात सुनी। वे झट से खड़े हो गए। ” श्रीमान, आप यहां आ कर हम आपकी धन की थैली खोजने में मदद करेंगे।”आप सब बहुत दयालु हैं… परंतु ये बारिश।”

Tenaliram Ki Kahaniyan
तेनालीराम की कहानियां

चतुर तेनाली ने बात बा वे लोग बोले, “अरे, बारिश हमारा क्या बिगाड़ लेगी। हम आपकी थैली खोजकर अभी वापिस लौट आएंगे।” और इस तरह वे सब सिक्कों से भरी थैली की खोज में निकल गए। ” जी… आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद! मैं आप लोगों की यहीं प्रतीक्षा करता हूं।” तेनाली रमन ने आवाज लगाई। सराय के मालिक ने तेनाली को देख कर बड़ी सी मुस्कान दी क्योंकि वह सब समझ गया था।

वह बोला, “श्रीमान आप तो बहुत बढ़िया किस्से बनाना जानते हैं। यहां आ कर अपने कपड़े सुखाएं। मैं आपके लिए गरम दूध लाता हूं।” तेनाली रमन ने आग के पास अपने कपड़े रखे और अपने हाथ-पांव सेंकने लगे। वे मन ही मन उन मूर्खों के लिए दबी हंसी हंस रहे थे, जो रात के अंधेरे में, वर्षा के बीच धन की उस थैली को खोज रहे थे, जो कहीं थी ही नहीं। लालच का कोई अंत नहीं होता।

Tenaliram Ki Kahaniyan: तेनालीराम और ‘परेशानियों की पोटली’

क्या सीख मिली (Moral of The story)

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें कभी भी भगवान के भरोसे नहीं बैठना चाहिए। हमें सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत करनी चाहिए। इसके साथ ही हमें किसी भी रिश्ते का ग़लत फायदा नहीं उठाना चाहिए।

Similar Posts

रोज पीते हैं नारियल पानी, पहले जान लीजिए ये 9 नुकसान! जान लीजिए लहसुन के 7 फायदे, फिर रोज करेंगे सेवन विराट कोहली को मिलेगा डायमंड बैट, कीमत जानकर उड़ेंगे होश यू-ट्यूब से लाखों की कमाई, आलीशान जिंदगी के शौकीन एल्विश यादव 69 साल का WWE रेसलर, रचाएगा 25 साल छोटी लड़की से शादी